भारत में क्रिप्टोकरंसी का बिजनेस तब से और बढ़ा है जब मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी हटा ली. अभी भारत में 15 देसी क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म चल रहे हैं जहां 10 करोड़ निवेशक ट्रेडिंग करते हैं. सरकार क्रिप्टोकरंसी को रुपये-पैसे का दर्जा नहीं देगी और उसे सोने-चांदी जैसी वित्तीय संपत्ति में डाल सकती है.अगर ऐसा होता है तो हजारों लोगों के रोजगार पर असर हो सकता है. देश में लगभग 15 क्रिप्टो एक्सचेंज अभी कार्यरत हैं जहां 10 करोड़ अधिक लोग निवेश करते हैं. बड़ी बात ये है कि ये सभी एक्सचेंज भारत के ही हैं जहां कई लोगों को रोजगार मिला है. नोंसब्लॉक्स ब्लॉकचेन स्टूडियो के संस्थापक विष्णु गुप्ता ‘बिजनेसलाइन’ से कहते हैं, प्राइवेसी कॉइन (क्रिप्टोकरंसी) से मनी लॉन्ड्रिंग आसान है, ड्रग्स या अपराध का पैसा छुपाने के लिए भी क्रिप्टो मिक्सर का इस्तेमाल हो सकता है. लेकिन एक बात यह भी है कि क्रिप्टो ने भारत में 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. इसमें वे सभी खासियतें हैं जो भारत को 21वीं सदी में महाशक्ति बनाने के लिए मदद कर सकती है.
